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बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव की धूम, राजस्थान की अनूठी संस्कृति की दिखी झलक, बना विश्व रिकॉर्ड

राजस्थान के बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव की धूम देखने को मिल रही है। देश विदेश से लोग राजस्थान की संस्कृति और विरासत की झलक को देखने और समझने बीकानेर पहुंच रहे हैं।

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बीकानेर में ऊंट महोत्सव के दूसरे दिन जूनागढ़ से करणी सिंह स्टेडियम तक जुलूस निकाला गया। इसमें राजस्थानी वेशभूषा में कलाकार मौजूद रहे। दर्शकों को पूरे देश की संस्कृति से परिचित कराने के लिए उन्हें भी शामिल किया गया। करणी सिंह स्टेडियम में ऊंट नृत्य के प्रदर्शन के अलावा ऊंट दौड़ और तमाम प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। वहीं पहले दिन बीकानेर में लक्ष्मीनाथजी मंदिर से रामपुरिया हवेली तक हेरिटेज वॉक के साथ अंतरराष्ट्रीय ऊँट महोत्सव की शुरुआत हुई। उद्घाटन समारोह में बीकानेर की वास्तुकला, खान-पान और ललित कलाओं के आकर्षक रंग देखने को मिले।  कई देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी यात्रा में भाग लिया और शहर की जीवंत विरासत को देखा।

पर्यटकों और कलाकारों का किया गया स्वागत

जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने पर्यटकों और कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा, "बीकानेर अतीत की संजोई हुई विरासत को दर्शाता है और इसके रंग भर में फैले हुए हैं। लोगों को इस संस्कृति को समझना चाहिए और इसका हिस्सा बनना चाहिए।"बता दें कि इस कार्यक्रम में एसपी कावेन्द्र सिंह सागर, निगम आयुक्त मयंक मनीष, बीडीए सचिव अपर्णा गुप्ता, सीईओ सोइनलाल, पर्यटन विभाग के उप निदेशक अनिल राठौर, सहायक निदेशक किशन कुमार, जिला पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बना विश्व रिकॉर्ड
यात्रा के दौरान लोक कलाकार पवन व्यास ने नगाड़ा, मश्क, बांसुरी और भजनों की धुनों के बीच सिर पर 2025 फीट लंबा साफा बांधकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा यहां की कला, बंधेज, मिट्टी के बर्तन, सोने की कलम और साफा बांधने की कला को देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो गए। आए हुए लोक कलाकारों को सजे-धजे ऊंट और हरियाणवी पगड़ी भी भेंट की गई।

रंग बिरंगी चूड़ियों ने मोह लिया मन

कई बाजारों में चूड़ियां, जूते, चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाने की कला का प्रदर्शन किया गया। पर्यटकों को यहां की रंग बिरंगी लाख की चूड़ियां, राजस्थानी बर्तन खूब भाए। इसके अलावा यहां धागों की कढ़ाई वाले जूते भी आकर्षण का केंद्र रहे।

बीकानेरी स्वाद लाजवाब

यहां आए हुए लोगों को राजस्थान के प्रसिद्ध व्यंजन जैसे भुजिया, घेवर और जलेबी बनाते हुए देखना और बीकानेरी स्वाद का आनंद लेने की बात ही अपने आप में अलग थी।

यहां मरूण्यक चौक पर ब्लॉक और स्क्रीन प्रिंटिंग के सामान काफी देखने को मिले। इसके अलावा मोहता चौक के बड़े मंच पर पारंपरिक भोजन बनाने का प्रदर्शन भी किया गया, जहां आए हुए लोगों को कचौड़ी और रबड़ी खिलाई गई।लोक कलाकारों ने भपंग वादन, गणगौर गीत और कठपुतली शो प्रस्तुत कर पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।यहां उस्ता कला, हवेली संगीत और कच्ची घोड़ी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति ने प्रतिभागियों को नाचने पर मजबूर कर दिया।

यादों को कैमरे में कैद करते दिखे लोग

यात्रा के दौरान पर्यटक सजे-धजे रास्ते और सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत के रंगों के बीच सेल्फी लेते नजर आए।

स्थानीयों ने किया पर्यटकों का स्वागत

कई स्थानों पर स्थानीयों ने भी पर्यटकों का स्वागत पुष्प वर्षा और माला पहनाकर किया। इस दौरान पर्यटकों ने अपनी गर्मजोशी से लोगों का स्वागत किया। यहां लोगों का वो अंदाज देखने को मिला जिससे दुनिया परिचित है।