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शनिवार को शमी का ये उपाय बदल सकता है किस्मत, शनि साढ़ेसाती और ढैय्या में मिलेगी राहत

शनिवार को शमी का उपाय करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है। जानें ज्योतिषाचार्य से शमी वृक्ष के खास उपाय और शनि कृपा के सरल तरीके।

शनिवार को शमी का ये उपाय बदल सकता है किस्मत, शनि साढ़ेसाती और ढैय्या में मिलेगी राहत

भारतीय संस्कृति में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि महाराज को समर्पित होता है। इस दिन को लेकर श्रद्धा भी होती है और एक अदृश्य भय भी। विशेष रूप से वे लोग जो शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से गुजर रहे हैं – जैसे कि कुंभ, मीन, मेष, सिंह और धनु राशि के जातक – उनके लिए शनिवार का महत्व और भी बढ़ जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शमी का पेड़ एक अद्भुत माध्यम है? ऐसा कहा जाता है कि शमी वृक्ष न केवल शनि के प्रकोप से रक्षा करता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और धन-संपन्नता भी लाता है। इस विषय में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अगर शनिवार को श्रद्धा और नियम के साथ शमी की पूजा की जाए, तो शनिदेव की कृपा बरस सकती है।

शनिवार को सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें, फिर शमी के पेड़ को जल और दूध मिश्रित जल अर्पित करें। यह सेवा शनि महाराज को अत्यंत प्रिय होती है। उनकी कृपा से मानसिक तनाव, रोग और आर्थिक तंगी जैसे संकट दूर हो सकते हैं।

इसके बाद शमी के नीचे सरसों के तेल या काले तिल का दीपक जलाएं और शनि मंत्रों का जाप करें। पूजा के समय शमी की जड़ में काले तिल और उड़द चढ़ाना बेहद फलदायी माना जाता है, क्योंकि ये दोनों चीज़ें शनि देव को प्रिय हैं।

यदि आप कर्ज से परेशान हैं या नौकरी में बाधाएं आ रही हैं, तो एक विशेष उपाय है – श्रवण नक्षत्र वाले शनिवार को शमी की जड़ को काले धागे से बांधकर धारण करें। यह उपाय शनिदोष को कम करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है।

शनिवार या सोमवार को शमी के पत्ते और फूल भगवान शिव को बेलपत्र के साथ अर्पित करने से भी विशेष फल मिलता है। जब शिव और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं, तो जीवन में उन्नति के नए रास्ते खुलते हैं।