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“150 पुरुषों से संबंध बना चुका हूं…” वृंदावन में युवक की भावुक पुकार, प्रेमानंद जी महाराज ने पलट दी जिंदगी

वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज के सामने एक युवक ने कबूला कि उसने 150 पुरुषों से संबंध बनाए हैं। महाराज जी ने उसे निंदा नहीं बल्कि अध्यात्म का रास्ता दिखाया।

“150 पुरुषों से संबंध बना चुका हूं…” वृंदावन में युवक की भावुक पुकार, प्रेमानंद जी महाराज ने पलट दी जिंदगी

वृंदावन में जब संत प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए हजारों भक्त उमड़े हुए थे, तभी एक बेहद भावुक पल सामने आया जिसने पूरे वातावरण को स्तब्ध कर दिया। एक युवक अपराधबोध से भरा हुआ प्रेमानंद जी महाराज के चरणों में गिर पड़ा और बोला, “मैं अब तक 150 से अधिक पुरुषों से संबंध बना चुका हूं, मुझे बहुत पछतावा है... अब मैं इस जीवन से निकलना चाहता हूं।”

महाराज प्रेमानंद जी, जिनकी वाणी करुणा से भरी होती है, उन्होंने युवक की बात ध्यानपूर्वक सुनी और बिना किसी पूर्वाग्रह के उसे समझाया। उन्होंने कहा, “संत के सामने जो भी बात आती है, वो किसी भी डॉक्टर के पास आए रोग की तरह है। पहला कदम है उसे स्वीकार करना। ये कोई जन्मजात दोष नहीं है, बल्कि पिछले जन्मों और इस जीवन के अनुभवों का प्रभाव है। इसे आत्मचिंतन और भक्ति से बदला जा सकता है।”

“पछतावे में मत डूबो, चेतना की ओर बढ़ो”

महाराज जी ने युवक से कहा, “तुम्हें इस जीवन में यह आत्मचिंतन मिला है, इसका मतलब है कि परमात्मा की कृपा तुम पर विशेष है। अब पछतावे की नहीं, परिवर्तन की जरूरत है। संयम, जप और सेवा को अपना लो। अपने कर्मों की क्षमा मांगो, क्योंकि वृंदावन क्षमाशील है।”

महाराज ने उसे राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन होने, वृंदावन की परिक्रमा करने, मौन व्रत रखने और ‘राधे-राधे’ नाम जपने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “अब से तुम्हारा जीवन आत्मा की शुद्धि के लिए हो। भगवान का नाम ही तुम्हें मोक्ष के मार्ग पर ले जाएगा।”

इस घटना के बाद वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। प्रेमानंद जी महाराज की करुणा और मार्गदर्शन ने एक भटके हुए जीवन को नई दिशा दी।