महाकुंभ 2025: 84 आस्था स्तंभ करेंगे श्रद्धालुओं का स्वागत ! कुछ ऐसी है योगी सरकार की तैयारी
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की भव्य तैयारी है। संगम तट पर तंबुओं का शहर अलग छठा बिखेर रहा है। 84 आस्था स्तंभ श्रद्धालुओं का मन मोहने के लिए तैयार है। जानें महाकुंभ को खास बनाने के लिए योगी सरकार ने और क्या तैयारियां की हैं।

प्रयागराज में संगम की रेत पर तंबुओं का शहर सजकर तैयार हो चुका है। चारों तरफ साधु-संतों और भक्तों का तांता लगा हुआ है। भले महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा लेकिन आस्था का सैलाब का अभी से दिखने लगा है। त्रिवेणी के पवित्र तट सजकर तैयार हैं। इससे इतर महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। महाकुंभ में इस बार 84 आस्था स्तंभ लगाए गए हैं। जो 84 लाख योनियों के प्रतीक है। जो श्रद्धालुओं को देवलोक का अनुभव का कराने के लिए नंदी, डमरू और समुद्र, मंथन जैसे खास तोरणद्वार भी लगाए गए हैं।
महाकुंभ में दिखेंगे मनोहारी दृश्य
संगन नगरी मानों ऐसी प्रतीत हो रही है, जैसे खुद देवता धरती पर आ गए हैं। मेले को खास बनाने के लिए प्रवेश पर 14 पौराणिक रत्नो के मनोहारी दृ्श्य दर्शाएं जायेगी। इसमें ऐरावत हाथी, कामधेनु गाय, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, शंख, धन्वंतरि और अमृत शामिल है। इसके अलावा श्रद्धालु नंदी द्वार और भोलेनाथ का विशाल डमरू का दीदार कर सकेंगे। बताया जा रहा है, इसकी लंबाई लगभग 100 फीट और ऊंचाई 50 फीट होगी।
भव्य होगा एयरपोर्ट से महाकुंभ का रास्ता
इसके अलावा एयरपोर्ट से महाकुंभ की ओर जाने वाला रास्ता भी बेहद खास होने वाला है। यहां पर 84 आस्था के स्तंभों को देखा जा सकता है। इनमें भगवान शिव के 108 नामों का वर्णन किया गया किया गया है। जबकि ऊपर की ओर कलश लगाया गया है। ये स्तंभ चार वेद, चार आश्रम, चार वर्ण और चार दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनकी परिक्रमा कर भक्तों को 84 लाख योनियों के सफर की अनुभूति होगी। बता दें, महाकुंभ के आयोजन से प्रयागराज धार्मिक पर्यटन क्षेत्र बनकर उभरा है। जिससे न केवल धार्मिक जागरूकता बढ़ी है। बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। सरकार का उद्देश्य है, महाकुंभ का आयोजन कुछ इस तरह से किया जाये तो पर्यटन के साथ रोजगार क क्षेत्र में भी अपना अहम योगदान दें।