जब गरुण ने उठाया ध्वज—जगन्नाथ मंदिर का वीडियो बना रहस्य की गूंज !
पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गरुण मंदिर के ध्वज को लेकर शिखर के चारों ओर उड़ता दिखाई दे रहा है। यह दृश्य लोगों के लिए रहस्य, आस्था और चेतावनी का प्रतीक बन गया है।

ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक विशाल पक्षी अपने पंजों में मंदिर का ध्वज लिए शिखर के चारों ओर उड़ता दिखाई दे रहा है. वीडियो में यह पक्षी मंदिर के ऊपर कई बार चक्कर लगाता है, जबकि मंदिर की चोटी पर एक और ध्वज लहराता नजर आता है. यह दृश्य लोगों को हैरानी, श्रद्धा और रहस्य के मिश्रण में डुबो रहा है.
रहस्य, श्रद्धा और डर का मिला-जुला माहौल
वीडियो सामने आने के बाद भक्तों और आम लोगों के बीच कई तरह की भावनाएं देखी जा रही हैं. कुछ लोग इसे भगवान जगन्नाथ का चमत्कारी संकेत मान रहे हैं, तो कुछ इसे किसी आने वाली बड़ी घटना का इशारा बता रहे हैं. विशेष रूप से यह घटना वर्ष 2020 की उस घटना से जोड़ी जा रही है, जब मंदिर के ध्वज पर बिजली गिरने के बाद देश को कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा था.
शिखर पर गरुण के चक्कर: शुभ संकेत या चेतावनी?
वायरल वीडियो में पक्षी को गरुण के रूप में पहचाना जा रहा है, जो हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के वाहन के रूप में पूजनीय है. गरुण का मंदिर के ध्वज को लेकर उड़ना लोगों को धार्मिक व्याख्याओं की ओर मोड़ रहा है. कुछ लोगों का मानना है कि यह घटना एक दिव्य संदेश है, जबकि अन्य इसे किसी आने वाले बदलाव की चेतावनी मान रहे हैं.
जगन्नाथ मंदिर और उसके ध्वज की अद्भुत परंपरा
करीब 800 साल पुराने इस मंदिर की ध्वज परंपरा स्वयं में एक रहस्य है. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का ध्वज हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है, जो विज्ञान के सामान्य नियमों को चुनौती देता है. यह तथ्य आज भी वैज्ञानिकों को चकित करता है. मंदिर में हर दिन बिना किसी चूक के ध्वज को बदला जाता है, और यह कार्य एक व्यक्ति द्वारा बिना किसी सुरक्षा उपकरण के किया जाता है.
ध्वज चढ़ाने की परंपरा कभी न हो बाधित
मान्यता है कि अगर किसी दिन यह ध्वज चढ़ाने की परंपरा रुकी, तो मंदिर 18 वर्षों के लिए बंद हो जाएगा और यदि उस दौरान मंदिर के कपाट खोले गए, तो प्रलय आ सकती है. यह विश्वास सदियों से श्रद्धालुओं के दिलों में बसा हुआ है, जो मंदिर की परंपरा को और अधिक विशेष बनाता है.
आधुनिक तकनीक भी रहस्यों के आगे नतमस्तक
आज के युग में जहां हर कार्य तकनीक से सुरक्षित किया जाता है, वहीं जगन्नाथ मंदिर में ध्वज चढ़ाने का कार्य आज भी बिना किसी हार्नेस या गियर के हाथ से किया जाता है. यह परंपरा श्रद्धा, साहस और अडिग विश्वास का प्रतीक बन चुकी है, जिसे अब यह वायरल वीडियो और भी रहस्यमयी रंग दे रहा है.