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पचपदरा रिफाइनरी में श्रमिक की मौत के बाद हंगामा, मुआवजे की मांग को लेकर हिंसा

जब श्रमिकों की मांगों पर कंपनी अधिकारियों के साथ कोई सहमति नहीं बन पाई, तो प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए और हिंसक घटनाएं घटित हुईं।

पचपदरा रिफाइनरी में श्रमिक की मौत के बाद हंगामा, मुआवजे की मांग को लेकर हिंसा

पचपदरा स्थित निर्माणाधीन रिफाइनरी में शुक्रवार रात एक श्रमिक की अचानक मौत हो गई, जिसके बाद शनिवार को उसके साथी श्रमिकों ने मुआवजे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान, जब श्रमिकों की मांगों पर कंपनी अधिकारियों के साथ कोई सहमति नहीं बन पाई, तो प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए और हिंसक घटनाएं घटित हुईं।

मृत श्रमिक की तबीयत बिगड़ी, मौत के बाद बढ़ा आक्रोश

पचपदरा में काम करने वाले श्रमिक अशोक पुत्र रमेश कुमार की तबीयत शुक्रवार शाम अचानक बिगड़ गई। काम के बाद वह महादेव कॉलोनी स्थित अपने आवास पर खाना खाने गया था, लेकिन उसके स्वास्थ्य में गिरावट आई और साथी श्रमिकों ने उसे पचपदरा चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, शनिवार सुबह अन्य श्रमिक मुआवजे की मांग को लेकर कंपनी कार्यालय के सामने एकत्रित हो गए।

प्रदर्शनकारी हुए उग्र, तोड़फोड़ और पत्थरबाजी का किया विरोध

मुआवजे की मांग को लेकर श्रमिकों की संख्या तेजी से बढ़ी और देखते ही देखते कंपनी कार्यालय के सामने जमावड़ा लग गया। हालांकि, कंपनी अधिकारियों ने श्रमिकों से शांतिपूर्वक स्थिति सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सहमति न बन पाई। इसके बाद श्रमिकों का आक्रोश बढ़ा और उन्होंने **कंपनी के निजी वाहन** में तोड़फोड़ शुरू कर दी। गाड़ियों की खिड़कियां तोड़ी गईं, और पुलिस के वाहन को पलट दिया गया। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं रुके और पत्थर फेंकने की घटना हुई।

पुलिस ने डिटेन किए 100 श्रमिक, क्षेत्र में तनाव

घटना की सूचना पर एसपी और पचपदरा थानाधिकारी अमराराम मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए करीब 100 श्रमिकों को डिटेन किया। पूरे इलाके में पुलिस छावनी जैसी स्थिति बन गई और प्रदर्शनकारी लगातार हिंसक होते गए।

कंपनी की तरफ से मुआवजे की घोषणा का इंतजार

पचपदरा रिफाइनरी में इस घटना के बाद श्रमिकों के बीच गुस्से का माहौल है। वे मृत श्रमिक के परिवार के लिए मुआवजा की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कंपनी की ओर से अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं आया है। इस घटना ने न केवल श्रमिकों के बीच असंतोष बढ़ा दिया है, बल्कि रिफाइनरी के निर्माण कार्य पर भी असर डालने की संभावना जताई जा रही है।