Rajasthan में खौफ का खेल, Lawrence Bishnoi गैंग के निशाने पर पेड़े कारोबारी, फायरिंग और धमकी से सहमा चिड़ावा
Lawrence Bishnoi Gang : पेड़े कारोबारी पर हमले के बाद पूरे चिड़ावा में खौफ का माहौल बन गया। गैंग के बदमाशों ने ये संदेश दिया कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई, तो अंजाम बुरा होगा।

Lawrence Bishnoi Gang : झुंझुनूं जिले के शांत और पेड़ों के लिए प्रसिद्ध चिड़ावा कस्बे में हाल ही में एक ऐसी घटना घटी, जिसने लोगों के दिलों में खौफ भर दिया। लॉरेंस बिश्नोई गैंग और रोहित गोदारा की गैंग ने पेड़े के एक व्यापारी को अपना निशाना बनाते हुए उससे 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। धमकी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बदमाशों ने दुकान पर फायरिंग की और अपने नाम की पर्ची फेंककर इलाके में दहशत फैला दी।
रातों-रात दहशत का माहौलपेड़े कारोबारी पर हमले के बाद पूरे चिड़ावा में खौफ का माहौल बन गया। गैंग के बदमाशों ने ये संदेश दिया कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई, तो अंजाम बुरा होगा। झुंझुनूं के पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू की।
छह हजार किलोमीटर तक पीछागैंग के तीन बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने नौ टीमें बनाई और करीब छह हजार किलोमीटर तक आरोपियों का पीछा किया। आखिरकार इन बदमाशों को मध्य प्रदेश और जयपुर से गिरफ्तार किया गया। इनमें चौराड़ी के दीपेंद्र उर्फ दीपू चौराड़ी, सुलताना अहीरान के प्रदीप पहलवान यादव, और डीडवाना के प्रतीक सिंह राठौड़ उर्फ प्रिंस राजपूत शामिल हैं।
फायरिंग का खौफनाक मंजरपूछताछ में खुलासा हुआ कि दुकान पर फायरिंग की योजना बेहद सटीक तरीके से बनाई गई थी। प्रदीप पहलवान ने दुकान पर गोलियां चलाईं, जबकि प्रिंस बाइक पर बैठा निगरानी कर रहा था। कुछ दूरी पर दीपेंद्र रैकी कर रहा था। घटना के बाद तीनों अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए।
गैंग का नेटवर्क और विदेशी कनेक्शनएसपी शरद चौधरी के अनुसार, गिरफ्तार बदमाशों का नेटवर्क राजस्थान, यूपी, हरियाणा और यहां तक कि विदेशों तक फैला हुआ है। ये भी सामने आया है कि बदमाशों ने गैंगस्टर नितिन बॉक्सर और रोहित गोदारा के संपर्क में आकर उनके लिए काम करना शुरू कर दिया था।
टॉप टेन वांटेड में शामिल बदमाशगिरफ्तार आरोपियों में से प्रिंस और दीपू राज्य के टॉप टेन वांटेड बदमाशों की सूची में शामिल थे। इन पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित करने की तैयारी थी, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
गैंगवार और खून का खेलइस घटना का संबंध केवल फायरिंग तक सीमित नहीं है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन बदमाशों का कनेक्शन झुंझुनूं के महपालवास हत्याकांड और जयपुर के करधनी थाना इलाके में हुए हत्याकांड से भी है।
दहशत में चिड़ावा का समाजघटना के बाद चिड़ावा के लोगों में दहशत का माहौल है। एक शांत और व्यापारिक कस्बा अब गैंगवार का अड्डा बनता दिख रहा है। लोग अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने में डरने लगे हैं, और व्यापारी अपनी दुकानें समय से पहले बंद कर रहे हैं।
पुलिस के सामने चुनौतीपुलिस ने इस खतरनाक गैंग के तीन गुर्गों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन ये मामला केवल यहीं खत्म नहीं होता। गैंग का नेटवर्क, अन्य वांटेड बदमाशों और विदेशों तक फैले संबंधों की जांच अभी बाकी है।
कब तक रहेगा खौफ?झुंझुनूं की ये घटना ये सवाल खड़ा करती है कि छोटे कस्बे भी अब बड़े गैंगस्टरों के निशाने पर क्यों आ रहे हैं। ये केवल कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराध और हिंसा के खतरनाक संकेत हैं।