Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

और देखें
विज़ुअल स्टोरी

बिजनेस घाटा बना मासूमों की मौत का कारण, Jodhpur में दिल दहला देने वाली घटना, आरोपी ने सुसाइड नोट में कबूला गुनाह

70 वर्षीय आरोपी श्याम सिंह भाटी और मृत बच्चों के पिता ने करीब 9 महीने पहले एक चूड़ी का कारखाना शुरू किया था।

बिजनेस घाटा बना मासूमों की मौत का कारण, Jodhpur में दिल दहला देने वाली घटना, आरोपी ने सुसाइड नोट में कबूला गुनाह

जोधपुर जिले के बोरानाडा थाना क्षेत्र में हुई एक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। स्कूल से लापता हुए दो मासूम बच्चों के शव किराए के कमरे में फांसी के फंदे से लटके पाए गए। मृतकों में 8 वर्षीय लड़का और 12 वर्षीय लड़की शामिल हैं। मामले ने तब गंभीर मोड़ लिया जब यह सामने आया कि बच्चों की हत्या उनके पिता के पूर्व बिजनेस पार्टनर ने की थी।

व्यापारिक रिश्ते से हत्या तक का सफर

70 वर्षीय आरोपी श्याम सिंह भाटी और मृत बच्चों के पिता ने करीब 9 महीने पहले एक चूड़ी का कारखाना शुरू किया था। लेकिन बिजनेस में घाटा होने के बाद पिता ने पार्टनरशिप तोड़ दी। इस घटना से नाराज होकर श्याम सिंह ने बदला लेने की ठानी और निर्दोष बच्चों को निशाना बनाया।

हत्या और सुसाइड नोट की कहानी

हत्या के बाद आरोपी ने किराए के कमरे में शवों को लटका दिया। घटनास्थल पर मिले सुसाइड नोट में श्याम सिंह ने हत्या की जिम्मेदारी कबूली है। उसने लिखा कि बिजनेस घाटे के कारण उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई, और इसी गुस्से में उसने यह भयानक कदम उठाया।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

दोनों बच्चों के अचानक गायब होने के बाद परिजन परेशान थे। उन्होंने आसपास के इलाकों में काफी तलाश की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिलने पर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। दो दिन बाद बच्चों के शव मिलने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

पुलिस जांच और एफएसएल टीम की भूमिका

घटना की सूचना मिलने पर एफएसएल टीम ने मौके का मुआयना किया। प्रारंभिक जांच में यह साफ हो गया कि मामला सुनियोजित हत्या का है। पुलिस अब आरोपी के व्यापार घाटे और हत्या की साजिश के अन्य पहलुओं की जांच कर रही है।

मनोरोग और व्यापारिक तनाव की खतरनाक परिणति

इस घटना ने दिखाया कि व्यापारिक तनाव और मानसिक स्थिति कैसे एक व्यक्ति को इस हद तक ले जा सकते हैं कि वह निर्दोष बच्चों की हत्या कर दे। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।