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बिजयनगर ब्लैकमेल कांड: मोबाइल, बुर्का और धमकी...कैसे फंसाई गईं नाबालिग लड़कियां, 895 पेज की चार्जशीट में खुलासे से हिला

अजमेर के बिजयनगर रेप और ब्लैकमेल कांड में एसआईटी ने 895 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। पीड़िताओं से मोबाइल लेकर ब्लैकमेलिंग की गई, हिंदू लड़कियों को संगठित तरीके से निशाना बनाया गया।

बिजयनगर ब्लैकमेल कांड: मोबाइल, बुर्का और धमकी...कैसे फंसाई गईं नाबालिग लड़कियां, 895 पेज की चार्जशीट में खुलासे से हिला

राजस्थान के अजमेर जिले के चर्चित बिजयनगर रेप और ब्लैकमेल कांड में एसआईटी ने आखिरकार पोक्सो कोर्ट संख्या 1 में चार्जशीट दाखिल कर दी है। ये चार्जशीट 60 दिनों के भीतर तैयार की गई और इसमें कुल 895 पेज हैं। दस्तावेजों में आरोपियों की ऐसी-ऐसी करतूतें दर्ज हैं, जिन्होंने पुलिस अधिकारियों से लेकर आम लोगों तक को झकझोर कर रख दिया है।

विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र पाल परिहार ने जानकारी दी कि यह मामला 15 फरवरी को विजयनगर थाने में उजागर हुआ था। इसमें तीन नाबालिग लड़कियों ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई थी। 62 नंबर केस में एसआईटी ने यह चार्जशीट पेश की है। जिन 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, उनके नाम हैं – अफराज, रिहान, अमन उर्फ अमान, जावेद, लुकमान, सोहेल, मंसूरी, आशिक और करीम खान। वहीं 5 नाबालिगों के खिलाफ जेजे एक्ट के तहत चालान कोर्ट में दाखिल किया गया है।

चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासे

चार्जशीट के मुताबिक, इन युवकों ने संगठित तरीके से काम किया और हिंदू नाबालिग लड़कियों को फंसाने के लिए ग्रुप बनाया। पहले दोस्ती का झांसा दिया, फिर मोबाइल लेने का दबाव बनाया। जब लड़कियां मना करतीं तो उन्हें धमकियां दी जातीं। आरोपियों ने पीड़िताओं को खास किस्म के कपड़े पहनने और आपत्तिजनक बातें करने के लिए मजबूर किया। उन्हें रेस्टोरेंट्स, अलग-अलग जगहों पर बुलाया गया और कई बार उनका वीडियो भी बनाया गया।

चार्जशीट यह भी बताती है कि यह कांड 1992 के अजमेर ब्लैकमेल केस की तरह सुनियोजित था। लड़कियों को मानसिक रूप से कमजोर बनाकर डराया गया, और फिर उनके साथ दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग की गई। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को निर्धारित की गई है।