3 महिला एक पुरुष मिलकर कर रहे थे गंदा काम, भनक लगते अड्डे पर पहुंच गई पुलिस, फिर हो गया काम तमाम
Ajmer News: अजमेर पुलिस ने साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ कर 3 महिलाओं और 1 युवक को भोपाल से गिरफ्तार किया. ये ठग बैंक अधिकारी बनकर लोगों से गोपनीय जानकारी हासिल कर उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे. पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है. साइबर पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और ठगी की घटना होने पर तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराने की अपील की है.

अजमेर पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 महिलाओं और 1 युवक को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह भोपाल से संचालित हो रहा था और बैंक अधिकारी बनकर लोगों को झांसे में लेकर उनके खातों से पैसे उड़ाने का काम कर रहा था. पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है.
क्रेडिट कार्ड अपडेट के नाम पर ठगी
गुलाब बाड़ी निवासी राजेंद्र सिंह राजावत ने 22 फरवरी को अलवर गेट थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि एक अनजान शख्स ने खुद को बैंक अधिकारी बताया और क्रेडिट कार्ड अपडेट करने के बहाने उनसे बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारी ले ली. कुछ ही मिनटों में उनके खाते से 95,500 रुपये गायब हो गए.
भोपाल से हुआ गिरोह का भंडाफोड़
जांच के बाद पुलिस भोपाल तक इस गिरोह का सुराग लगाने में सफल रही. आरोपी राहुल सियोल, प्रिया मंगोलपुरी, मेघा और निधि उर्फ पूजा को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उन्होंने देशभर में कई और साइबर ठगी के मामलों में शामिल होने की बात कबूल की.
कैसे करते थे ठगी?
गिरोह के सदस्य बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते और क्रेडिट कार्ड या बैंकिंग सेवाओं से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण अपडेट देने का झांसा देते. लोग उनकी बातों में आ जाते और जैसे ही वे अपने बैंक खाते की जानकारी साझा करते, ठग उनके खाते से पैसे निकाल लेते.
साइबर ठगों से सतर्क रहें
पुलिस और बैंक अधिकारियों ने जनता को जागरूक रहने की अपील की है.
1- कभी भी फोन पर अपनी बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, क्रेडिट कार्ड नंबर या पिन साझा न करें.
2- अगर किसी अनजान नंबर से बैंक अधिकारी बनकर कॉल आए, तो तुरंत संबंधित बैंक या पुलिस को सूचना दें.
3- अगर साइबर ठगी हो जाए, तो 1930 पर कॉल कर रिपोर्ट करें, ताकि बैंक समय रहते राशि फ्रीज कर सके.